L5 S 1 डिस्क प्रोलैप्स/ सियाटिका का सफल इलाज़




BIMR Hospitals में 1cm के चीरे द्वारा दूरबीन पद्धति से बिना टांके के L5 S 1 डिस्क प्रोलैप्स/ सियाटिका का सफल इलाज़

विगत दिवस 25 वर्षीय एक मरीज BIMR Hospitals में आया जो की पिछले 1 वर्ष से कमर व पैर में हो रहे तीव्र दर्द (सियाटिका ) से परेशान था। समय के साथ वो दर्द बढ़ता ही जा रहा था और उसकी रीढ़ की हड्डी भी टेढ़ी होती जा रही थी। जिसके वजह से वह अपने रोज के घरेलू काम एवं चलने तक में लाचार था।

BIMR में मरीज ने वहां के वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ. अभिषेक चौहान से संपर्क किया । मरीज की MRI की जांच करवाने पर L 5 S1 डिस्क प्रोल्पेस होने का पता चला जिसकी वजह से पैर की नस दब रही थी। लंबे समय तक दवाईय़ां एवं फिजियोथेरेपी लेने के बाद भी उसको लाभ प्राप्त नहीं हुआ I

डॉ. अभिषेक चौहान व उनकी टीम ने मरीज का दूरबीन द्वारा 1 CM के चीरे से मरीज का ऑपरेशन किया I ऑपरेशन के तुरंत बाद ही उसके दर्द में तुरंत लाभ मिल गया। उसकी चाल एवम रीढ़ की हड्डी के टेढ़ेपन में भी अब काफी सुधार आया ।

आवश्यक बिंदु :

1- अगर एक माह से अधिक दवाई खाने के पश्चात भी दवाई बंद करने पर दर्द हो रहा है तो ऑपरेशन करवाना बेहतर विकल्प है।

2- मिनिमाली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी में आपको कम से कम हॉस्पिटल में रहने की आवश्यकता होती है व आप चलना फिरना भी उसी दिन से प्रारंभ कर सकते हैं।

3- पैरों में कमजोरी आना, सुन्नपन या झनझनाहट आना नस के सूखने की निशानी होती है व ऐसा होने पर अगर नस में दबाव है तो फिर तुरंत ऑपरेशन करवाना आवश्यक है।

4- लंबे समय तक दर्द निवारक गोली का सेवन पेट, किडनी, लीवर एवम हड्डियों के लिए बेहद खतरनाक है।

5- कमजोरी आने के काफी समय बाद ऑपरेशन करवाने से कमजोरी में सुधार आने की संभावना समय के साथ कम होती जाती है।

6- ऑपरेशन के पश्चात अगर हम अपनी जीवन शैली ( अत्यधिक वजन, कसरत न करना) को नहीं सुधारते व बताई हुई सावधानी नहीं बरतते तो फिर दोबारा उसी जगह या अन्य स्थान पर समस्या होने की संभावना बनी रहती है।