हमें गर्व है कि बीआईएमआर अस्पताल, ग्वालियर में पहली बार वैरिकोज वेन्स (Varicose Veins) के इलाज के लिए लेज़र एब्लेशन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। यह अत्याधुनिक तकनीक मरीजों के लिए दर्द रहित, बिना चीरे के, सुरक्षित और तेज़ रिकवरी सुनिश्चित करती है।
हमारी अनुभवी डॉक्टरों की टीम और आधुनिक सुविधाओं ने इसे संभव बनाया है। बीआईएमआर हॉस्पिटल, ग्वालियर में लेज़र तकनीक से नसों से संबंधित बीमारी वैरिकोज वेंस का इलाज शुरू हो गया है । अस्पताल के रेडियोलोजी विभाग में वैस्कुलर क्लिनिक खोला गया है जिसमें विभाग के इंटरवेंशनल रेडियोलाजिस्ट डॉ. राधेश्याम मीणा, सोमवार से शनिवार मरीजों को परामर्श देंगे व जरूरत पड़ने पर मरीज का लेज़र तकनीक के द्वारा इलाज किया जायेगा ।
क्या है वैरिकोज वेंस -
नसों के ठीक से काम नहीं कर पाने के कारण वैरिकोज वेंस की समस्या उत्पन्न होती है. इसमें नसों का वॉल्व काम करना बंद कर देता है, जिससे रकय ह्रदय तक पहुँचने की बजाय नसों में ही इकट्ठा होने लगता है और नसें फूलकर वैरिकोज वेंस बन जाती है ।
बीमारी के लक्षण -
१. नसों का गुच्छा बन जाना
२. पैरों में सूजन आ जाना और चलने फिरने में तकलीफ होना
३. पैर की चमड़ी का रंग गहरा या बैगनी रंग का हो जाना, प्रभावित स्थान पर त्वचा में सूखपन आ जाना और खुजली का होना
४. पैरों में घाव होना और खून का रिसाव होना
किसे अधिक खतरा
१. लम्बे समय तक खड़े रहने वाले लोगों को
२. ऐसे लोग जिन्हें डीप वेन थ्रोम्बोसिस नामक बीमारी हो चुकी हो
३. अधिक उम्र के लोगों को
बीमारी से कैसे बचें -
१. लम्बे समय तक खड़े न रहें
२. वजन नियंत्रित करें
३. रोज व्यायाम करें
४. पैरों में भारीपन महसूस होने पर डॉक्टर्स से परामर्श लें